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Originally Posted by ndhebar
रही बात रामायण और महाभारत की तो ऐसा मेरा मानना है की ये बहुत ही चतुर लेखकों की बेहतरीन रचना है जो आज तक प्रशांगिक है[/color][/size]
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निशांत भाई, मैं आपके विचारों की कद्र करता हूँ .. तथा आपके सभी कथनों का समर्थन करता हूँ .. लेकिन यह कहना की 'रामायण' और 'महाभारत' केवल लेखकों की रचनाएं हैं'. .... मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ.
मित्र, रामायण तथा महाभारत में जिन स्थानों और समय या व्यक्तियों तथा घटनाओं का जिक्र है वो सभी या उनके निशान आज भी मौजूद हैं. महाभारत कल के सभी शहर (कुरुक्षेत्र,कंधार,इन्द्रप्रस्थ,मथुरा आदि ) आज भी मौजूद हैं. उनके बनाए हुए कुछेक किलों आदि के अवशेष भी मौजूद हैं. और यह एक ऐतिहासिक घटना थी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. हाँ कहीं कहीं अतिश्योक्ति अलंकर का उदाहरण देखने को मिल सकता है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है की यह केवल मिथ्या बात है. रामायण काल के अवशेष केवल भारत ही नहीं अपितु श्रीलंका में भी मौजूद हैं. यहाँ तक की वानर सेना द्वारा बनाया गया सेतु भी अभी तक मौजूद है. इसी प्रकार के हजारों उदाहरण आपको भारत और विश्व के कई देशों में देखने को मिल जाएंगे जो इन ग्रंथों से सम्बंधित हैं.
मित्र, उस ज़माने में कितना ही चतुर लेखक क्यों न हो पूरे भारत का और श्रीलंका का भ्रमण करके इतना बड़ा मनगढ़ंत ग्रन्थ नहीं लिख सकता. हाँ कहीं कहीं अलंकारों का प्रयोग अवश्य है लेकिन सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता.
मित्र अटल जी, आपसे निवेदन है की कृपया पटाक्षेप करें तथा अपने अनमोल विचारों से इस सूत्र को जल्दी आगे बढाएं.
धन्यवाद.