10. परम्परा-संस्कृति में ‘नयापन’
परम्परा और संस्कृति के नाम पर लोगों की सोच बदली है और वे हर भांति-भांति की संस्कृति और परम्पराएं अपना रहे हैं। जहां विदेशी भारतीय त्योहारों को पारम्परिक तौर पर मना रहे हैं तो वहीं देसी लोगों ने भी अपने नजरिए को बदलते हुए विदेशी कार्यक्रमों और पर्वों को मनाना शुरू कर दिया है। आज हर त्योहार और प्रोग्राम पूरे देश में मनाया जा रहा है। अब चाहे कोई हिंदू हो या मुसलमान, लोग एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियों, परम्पराओं और रीति-रिवाजों को मिल-जुलकर मना रहे हैं। ऐसे में कई बच्चे कुछ कार्यक्रमों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।