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Originally Posted by arvind shah
आपका बहुत—बहुत धन्यवाद पुष्पाजी ! आपने मुक प्राणियों की वेदना को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया और शाकाहारी बनने के लिए प्रेरणा दी ! मैं आपकी बात का भरपुर समर्थन करता हूं !!
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दिन ब दिन बढ़ते पशु हत्या और मांसाहांर के बढ़ते उपयोग से त्रसित मन ने ये लेख लिखने को प्रेरित किया था मुझे. गौ माता के मांस को किस प्रकार से निकाला जाता है उस लेख क पढ़ने के बाद ह्रदय द्रवित हो गया .
आभार अरविन्द जी