शशि कपूर / Shashi kapoor
अपनी पत्नी जेनिफ़र व बच्चों के साथ शशि कपूर
उपरोक्त्त दो अन्य योगदानों के अतिरिक्त्त उनका एक अन्य योगदान भी है जो हिन्दी सिनेमा के किसी और अभिनेता के हिस्से में अभी तक तो नहीं ही आया है। मर्चेंट आइवरी की फिल्मों के माध्यम से उन्होने वैश्विक सिनेमा में भी अपनी पहचान बनायी। यह कहना एकदम वाजिब होगा कि एक अभिनेता के रुप में शशि कपूर का बेहतरीन और पूरी तरह पर निखरा रुप मर्चेंट आइवरी की हाउसहोल्डर, बाम्बे टाकिज, शेक्सपीयरवाला और हीट एंड डस्ट में देखने को मिलता है। इन फिल्मों में शशि कपूर के व्यक्तित्व का आकर्षण और अभिनेता के तौर पर विकास पूरी तरह से देखने को मिलता है।
मर्चेंट आइवरी के साथ अपने आखिरी गठबंधन मुहाफिज में भी एक ऐसे शायर के चरित्र में शशि कपूर अपने पूरे जलवे के साथ नजर आये। शशि कपूर की अंग्रेजी जैसी अच्छी पकड़ उर्दू पर कभी भी नहीं थी परन्तु तब भी उन्होने एक शायर की ढ़लती हुयी जिन्दगी को बखूबी निभाया और इस चरित्र को एक यादगार चरित्र बना दिया। ओम पुरी और शबाना आजमी जैसे कलाकारों के सामने शशि कपूर अपना एक अलग व्यक्तित्व इस फिल्म में लेकर सामने आते हैं।
मर्चेंट आइवरी की फिल्मों से इतर उन्हे कोर्नाद रुक्स की महत्वकांक्षी फिल्म “सिद्धार्थ” में काम करने का भी मौका मिला।