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Originally Posted by rajnish manga
हमारे समाचार चैनेल कितने ज़िम्मेदार हैं?
हमारे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और खास तौर पर हिंदी समाचार चैनेल कितने संवेदनशील व ज़िम्मेदार है, यह मैंने उस समय महसूस किया जब आई बी एन 7 चैनेल पर उरी (जे एंड के) में सेना मुख्यालय पर हुये आतंकी हमले के विषय में एक debate चल रही थी और सम्मानित आमंत्रित अतिथियों द्वारा गंभीर विचार विनिमय हो रहा था.
लगभग 12.40 बजे दोपहर का समय था और एक विशेषज्ञ समस्या से निबटने के लिये अपनी राय और सुझाव रख रहे थे कि इतने में ही महिला एंकर ने उन्हें बीच में रोक दिया और घोषणा करने लगी कि 'अभी अभी एक बड़ी खबर आ रही है. इस वक़्त की बड़ी खबर यह है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ऊपर स्याही फेंकी गई....
इसके बाद (विज्ञापनों के समय को जोड़ कर) अगले 40 मिनट तक इस चैनेल पर सिसोदिया का स्याही काण्ड चलता रहा यानी 1.40 बजे तक. भारत की सुरक्षा से जुड़ी उस गंभीर बहस का अब कोई नामो निशान तक नहीं था. दरअस्ल, उस डिबेट को बीच में ही अधूरा खत्म कर दिया गया और कोई सूचना तक नहीं दी गई या माफ़ी तक नहीं मांगी गई. क्या हमारा मीडिया इतना विवेकहीन हो गया है कि उसे किसी बात की प्राथमिकता का भी ध्यान नहीं रहता? यह बहुत दुखद है.
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भाई हमारे देश की यही विडंबना है की जब भी कोई दुखद घटना हुआ करती है तब बाते लोग बड़ी बड़ी करते हैं पर खुद का फायदा सबसे आगे रखते हैं चैनल वाले भी इसलिए ही एइसे न्यूज़ जल्दी से जल्दी प्रदर्शित करने की ताक में रहते हैं की उनका चैनल नंबर . वन चैनल कहलाये और उन्हें ज्यदा से ज्यदा कमाने को मिले . देश तब ही मजबूत होगा जब खुद का स्वार्थ छोड़कर हम सब एक होकर सरकार का साथ देंगे .बर्बादी का दुःख तो कोई शहीदों के परिवार से पूछे की उनपर क्या बीत रही होगी अभी .
सच बेहद दुःख हुआ है जब यह खबर सुनी की हमारे १७ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए . शत शत वंदन सह नतमस्तक हैं हम हमारे शहीदों के लिए हम .