27-01-2018, 12:00 PM
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Re: मुहावरों की कहानी
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इधर चोर दुकान से बाहर निकले, उधर जौहरी ने शोर मचा दिया । देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में जाग हो गई । चोर माल इधर-उधर डालकर लोगों की भीड़ में शामिल हो गए । मगर तभी सिपाहियों की टुकड़ी के साथ तेनालीराम वहां पहुंच गए और सिपाहियों ने पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी कर ली ।
तेनालीराम ने कहा : ” सब की तलाशी लेने की आवश्यकता नहीं है, जिनके हाथ और वस्त्र रंगे हुए हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए वे ही चोर हैं ।” और इस प्रकार आनन-फानन में चोर पकड़े गए । अगले दिन उन्हें दरबार में पेश किया गया । महाराज ने देखा कि चोरों के हाथ और वस्त्र लाल रंग में रंगे हुए हैं ।
” इनके हाथों पर ये रंग कैसा है तेनालीराम ।” ” महाराज! तिजोरी में माल रख ने से पहले उसे लाल रंग से रंगा गया था-इसी कारण इनके हाथ रंगे हुए हैं । इसी को कहते हैं, चोरी करते रंगे हाथों पकड़ना ।” ” वाह!” महाराज तेनालीराम की प्रशंसा किए बिना न रह सके, फिर उन्होंने चोरों को आजीवन कारावास का दण्ड सुनाया ताकि वे जीवन में फिर कभी चोरी न कर सकें ।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
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