Re: भाभी जी घर पर है .
आगे जगराता शुरू होता है, सक्सेना जी स्टेज के पीछे से और विभूति जी लोगो के सामने माता की भेंटे गाना शुरू करते है, वह क्या गाते है सक्सेना जी इस आदमी के हुनर ने तो मुझे अचम्भित कर दिया है, लगता बिलकुल पग्लैत है पर एक से बढ़कर एक गुण है इसके अन्दर, बिचारा. खैर जगराते में सभी है जैसे दरोगा हप्पू सिंह, मलखान, तिवारी जी, अनीता भाभी और अंगूरी भाभी, अनीता भाभी को तो तिवारी जी जूस दे देते है और इंतजार करने लगते है की कब उसमे मिली नशे की गोली असर करेगी और भाभी जी लुढ़क कर उनपे गिरेंगी, आए हाई क्या मस्त थर्किपना सोचा है तिवारी जी ने, खैर. तो सभी नज़र आ रहे है और मोहल्ले वाले भी पर टिका नहीं दिख रहो है. भाई टिक्के को तो शेर बनना थो न, विभूति जी की आँखे स्टेज से टिक्के को खोज रही है और वे बार बार मलखान से इशारे में पुच रहे है की टिका कहा मर गया. मलखान उन्हें दिलासा दे रहा है की आ रहा है आप तसल्ली रखो. उधर अंगूरी भाभी बार बार शेर के इशारे करके विभूति जी से पुच रही है की शेर कब आएगा. क्या मस्त इशारे दे रही है अंगूरी भाभी भाई वाह . मलखान विभूति जी को तसल्ली दे रहा है और विभूति जी भाभी जी को. और सक्सेना जी अपनी मदमस्ती में गए पड़े है . पर इस टिके का कोई आता पता नहीं .
तो भैया हुआ यु की एक भेंट ख़तम हुई और दूसरी शुरू हुई इशारे बजी चारो और चल रही है. पर न शेर का अत पता न टिके का. और इधर तिवारी जी को पंडित कान में बता गयो की यार मैंने उल्टा पत्र पढ़ लिया था जगराते के वक़्त औरत न सोए और मर्द सो जाए तब दोनों की शादी अगले जनम में न होती है. अब पासा पद गया उल्टा तिवारी जी ने तो अनीता भाभी को नीद की दवाई दे राखी है और वे धीरे धीरे उनपर लुढ़क भी रही पर अब तिवारी जी उन्हें जगाने में लगे पड़े है. इसी मुहीम में एक दफा तो अनीता भाभी ने उन्हें एक तमाचा भी रसीद दिया .खैर.
इधर टिका दीखता है सड़क पे खड़ा आधी शेर की ड्रेस उसने पहन राखी है पर मुखौटा अभी हाथ में है. बिचारे काले देव को गर्मी लागे से . भाई ने सोचा की एक बार शेर की आवाज़ की रिहर्सल हो जाए, ऐसा सोच के ताने शेर की आवाज़ निकली पर बिचारा ध्यान देना भूल गयो की निचे तो कुक्कुर बैठे है. दोनों बिचारे इस आधे शेर आधे आदमी को देख के बेचैन से हुए जा रहे है, और शेर की आवाज़ ने दोनों की बेचैनी बाधा दी. सो भाग लिए दोनों टिके के पीछे, अब लागी मिल्खा सिंह वाली दौड़ टिके और दोनों कुक्कुरो की, भाग मिल्खा भाग, भारी शरीर टिका बिचारा जैसे तैसे दो हवसी जानवरों से अपनी इजात बचाने में लगा है. और उधर जगराते में माता की भेंटे चालू है. अब लो भाई ये क्या टिका तो उधर भाग रहो है और इधर जगराते में शेर आ गयो. अब जे कौन से भाया. सबको लागे है की असली शेर हो, और मलखान और विभूति सोचे है की टिका हैगो, बाकि सब अस्माजास में की जे कैसे हो गयो. और विभूति के चेहरे पे रहत की सांस . अभी सब सोच विचार ही रहे है की टिका आगयो नागा मूंगा बनयान में गिरते पड़ते अपनी इज्जत कुक्कुरो से लुटवा के. अब विभूति और मलखान पड़े असमंजस में की अगर जे इधर है तो शेर की जगह पर कौन से. एका मतलब की जे असली शेर से. इतने में दरोगा जी को फ़ोन आतो है की चिड़िया घर से शेर भाग गयो है. अब ससुरा माथा ठनका, अब सब की सिट्टी पिट्टी घूम, इधर और लो, सब इधर खड़े है तो तभी किसी ने फिर से भेंटे गई. अरे सक्सेना जी कभी तो दिमाग का इस्तमाल कर लिया करो, सब हैरान की जब विभूति यहाँ कदा है तो गा कोण रहा. विभूति सर झुका के माफ़ी मांगता है और बताता है की जे सक्सेना जी है. सक्सेना जी को बहार बुलाया जाता है, सक्सेना जी बताते है की वे जब भी भेंटे गाते है असल शेर आ जातो है. और जे आ गया.भाई गजब है भाई सक्सेना जी भी. तो अब सुनो. सक्सेना जी शेर को देख के शोकेद और आखे निकल के कहते है i like it. शेर आगया आह्ह्ह सबसे पहले मै कटवाऊंगा , लोजी हद्द है कभी देखा है ऐसा आदमी. खैर अब चिंता जे है की इस शेर का क्या करे. इतने में अंगूरी और अनीता भाभी पूजा की थाली उठती है और शेर की आरती उतरती है. न जाने का होतो है की शेर चलो जातो है. आह चलो भाई शांति मिली . तो ऐसे ख़तम हुआ जगराता. अब देखे आगे क्या होतो है अगले एपिसोड में .
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