Re: भाभी जी घर पर है .
तो पिछले एपिसोड में दिखाया गया है की भाभी जी को सपना आता है की वे विभूति जी के साथ कार में गूम रही है
विभूति जी उन्हें देखे के गाना गा रहे है " ये शाम मस्तानी , मदहोश किये जाए " भाभी जी उन्हें एक तमाचा मरती है और कहती है की ड्राईवर सामने देख के गाडी चलाओ एक्सीडेंट करोगे क्या
इसके बाद भाभी जी की नींद टूटती है. सुबह वह लड्डू के भैया की खूब पुछार करती होती है. उन्हें दो दो बार नाश्ते और दूद्ज के लिए पूछती है, तिवारी जी समझ जाते है और सीधे पुच बैठते है की बताओ क्या बात है क्या चाहिए.
अंगूरी भाभी कहती है की उन्हें कार चाहिए, तिवारी जी दांत देते है. और दुकान के लिए जाने लगते है, वही उन्हें दरवाजे पर अनीता भाभी कड़ी दिखाई देती है जो रिक्शे का इंतजार कर रही होती है. तिवारी जी उन्हें देख कर रोमांचित हो जाते है, वे भी कार लेने के बारे में सोचना शुरू कर देते है, वे तो अनीता भाभी को बैठा के घुमाने के लिए ऐसा सोछ्ते है नाकि अंगूरी के लिए.
चाय वाले किदुकन के पास टिका और मलखान हमेशा की तरह अपनी छिछोर पांति लेके टाइम पास करते रहते है, वही तिवारी जी भी पहुचते है, गलती से उनसे पुच बैठते है की कोई गाडी है क्या क्या तुम दोनों की नज़र में. टिका जवाब देता है की भैया जी है तो पर उठा नहीं प् रहे, सच में गजब के छिछोरे है दोनों के दोनों.
तभी दारोगा जी आते है अपनी स्कूटर लेके. तिवारी जी यही बात उनसे भी पूछते है, हप्पू सिंह दारोगा बताते है की बड़े सही समय पर ये बात उठाई तैने, आज ही उनका एक दोस्त अपनी गाडी बेचने को कह रहा था. तिवारी जी कहते है तो बस वही दिलवा दो, हप्पुर सिघ कहता है की दिलवा दे ऐसे क्या क्या दिलवा दे, क्या फ्री में दिलवा दे अरे पैसे लगेंगे. तिवारी जी पूछते है की हा तो कितने पैसे लगेंगे. हप्पू सिंह कहते है की १ लाख. तिवारी मुह बनाने लगते है की ये तो बड़े ज्यादा है. हप्पू सिंह कहता है की ज्यादा है तो ऐसा करो आगे की गली से बाये लेलो वह एक खिलोने की दुकान पड़ेगी वही से खिलोने वाली एक कार लैलो और पुरे घर में तली बजाते घूमते फिरना, मैंने कार लैली मैंने कार लैली ...
इस पंच को सुन के मलखान झूमता हुआ दारोगा जी को ताली देने आता है बड़े जोश में, और एक जबरदस्त रैपटा, खाके के उसी जोश से वापस चला जाता है ..
खैर तिवारी जी कहते है की अच्चा चलो ले लेना एक लाख कार दिलवा दो. दारोगा जी कहते है की तब चलो देर कैसी हा १०००० का न्योछावर उनके लिए अलग से रख लेना, जैसा की जाहिर है ...
रात में तिवारी जी अपने बेडरूम में आते है और नाराज़ अंगूरी भाभी को मानते है और खबर सुनते है की वे कल एक कार लेलेंगे. अंगूरी भाभी ख़ुशी से झुमने लगती है और कार चलाने की बात सोच के हसने लगती है.
उधर अनीता भाभी विभूति पर ताने कसना शुरू करदेती है की कैसे आज उन्हें रिक्शे के लिए एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम को इंतज़ार करना पड़ा. साथ ही कहती है की कैसे उनके सभी रिश्तेदारों के पास कार है बस उनके पास नहीं है . विभूति जी कहते है की एक चाह्चा के पास बैल गाडी है वह ही उधर ले लेते है, अनीता भाभी और तंज कसती है की मतलब अब बैल गाडी भी तो उधार लेके ही खरीदोगे .
खैर सबेरे तिवारी जी गाडी खरीद के ले आते है, ग्रे कलर की गाढ़ी अच्छी हालत में ही लग रही है, अंगूरी भाभी देखे के खुश है उसकी पूजा कर रही है, की तभी अनीता जी आती है और तिवारी जी को बधाई देती है . तिवारी जी कहते है की अरे भाभी जी आप ही की गाडी है . अब अगले एपिसोड में देखा जाए नई गाडी क्या गुल खिलाती है .
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