अक्सर लोग गुण और कला को एक ही समझ लेते हैं , पर मुझे लगता है की इनमे अंतर है। गुण यानि वो जो कि हमारे अंदर स्वाभाविक रूप से मौजूद होते हैं , जैसे ईमानदारी , सत्यवादिता , निष्ठां। और कलाएं वो जिन्हे हम सीख सकते हैं , जैसे - कुकिंग , डांसिंग।
मैं जानना चाहती हूँ कि क्या वास्तव में इनमे कोई अंतर है या ये एक ही हैं , क्यूंकि जब हम किसी कला में पारंगत हो जाते हैं तो वो ही कला हमारा गुण कही जाती है , पर वास्तव में क्या उसे गुण कहना सही है ?