View Single Post
Old 03-02-2011, 06:11 AM   #5
Bond007
Special Member
 
Bond007's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: --------
Posts: 4,174
Rep Power: 42
Bond007 has disabled reputation
Send a message via Yahoo to Bond007
Arrow बिहार का इतिहास

पुराण - अठारह पुराणों में मत्स्य, वायु तथा ब्रह्मांड पुराण बिहार के ऐतिहासिक स्त्रोत के लिए महत्वपूर्ण हैं । इन पुराणों से शुंगवंशीय शासक पुष्यमित्र का वर्णन मिलता है जिसने ३६ वर्षों तक शासन किया । पुराणों में उत्तर युगीन मौर्ययुगीन शासकों के शासन की जानकारी प्राप्त होती है ।

पतंजलि महाभाष्य- मौर्य युगीन साम्राज्य की समाप्ति के बाद शुंग वंश का प्रतापी राजा पुष्यमित्र हुआ, जिसके पुरोहित पतंजलि थे । पतंजलि ने उनकी वीरता, कार्यकुशलता तथा भवनों पर आक्रमण की चर्चा अपनी महाभाष्य में की है ।

मालविकाग्निमित्रम्*- यह कालिदास द्वारा रचित नाटक है जिसमें शुंगकालीन राजनीतिक गतिविधियों का उल्लेखनीय वर्णन मिलता है । कालिदास यवन की आक्रमण का चर्चा करते हैं और पुष्यमित्र को अग्निमित्र के पुत्र सिन्ध पर आक्रमण कर यवन को पराजित किया था ।

येरावली- इसकी रचना जैन लेखक मेरुतुंग ने की थी । इसमें उज्जयिनी के शासकों की वंशावली है तथा पुष्यमित्र के बारे में उल्लेख किया गया है कि उसने ३६ वर्षों तक शासन किया था ।

दिव्यादान- इस बौद्धिक ग्रन्थ में पुष्यमित्र को मौर्य वंश का अन्तिम शासक बतलाया गया है ।

पाणिनी की अष्टाध्यायी- यह पाँचवीं सदी पूर्व संस्कृत व्याकरण का अपूर्व ग्रन्थ है ।

कौटिल्य का अर्थशास्त्र- यह ग्रन्थ मौर्यकालीन इतिहास का महत्वपूर्ण स्त्रोत है ।

मनुस्मृति ग्रन्थ- मनुस्मृति सबसे प्राचीन और प्रमाणित मानी गयी है, जिसकी रचना शुंग काल में हुई थी । यह ग्रन्थ शुंगकालीन भारत की राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक दशा का बोध कराता है ।

मनुस्मृति के प्रमुख टीकाकार, भारवि, मेघातिथि, गोविन्दराज तथा कल्लण भट्ट हैं । यह टीकाकार हिन्दू समाज के विविध पक्षों के विषय में अच्छी जानकारी प्राप्त किये होते हैं ।

__________________
Self-Banned.
Missing you guys!
फिर मिलेंगे|
मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक||

Bond007 is offline   Reply With Quote