Re: शायर व शायरी
शायर व शायरी
साभार: अभि शर्मा 'मित्र'
चलाकर तीर नज़रों से जिगर पे वार करते हैं
बहुत है खूबसूरत वो जिसे हम प्यार करते हैं
बड़ी ही कश्मकश में हूं समझ आता नही कुछ भी
न वो इंकार करते हैं न वो इजहार करते हैं
(इन्टरनेट से )
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|