Re: मौलिक शायरी
आपके रंजो-ग़म अपने से लगे हैं, इक रवायत के करम से लगे हैं
ढाल लो इसी सूरत में खुद को, रह जाओगे वरना ख़ाक में मिल कर
आपने जो दर्द साझा किया है, हमने भी इक यह वादा किया है
आप पिलाते रहें अमृत रस रोज, आते रहेंगे हम हुमा बन कर
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रवायत : परम्परा, हुमा : फारसी विश्वास के अनुसार मर-मर कर जी उठने वाला पक्षी !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Last edited by Dark Saint Alaick; 26-01-2012 at 05:56 AM.
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