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Originally Posted by khalid1741
वैसे सागर भाई फोरम हित कहे या हिन्दी प्रेम के लिए अभिषेक जी और जितेन्द्र जी दोनो दोस्त हैँ बगैर विवाद करे एक बार फिर मिलकर आपस मेँ बैठ कर मामले को यही खत्म कर ले तो बेहतर हैँ अगर दोनो ऐसा नहीँ कर सकते हैँ तो मुझे हैरत होगा दोनो इतने साल तक कैसे एक दुसरे के दोस्त रहे या दोस्त होने का स्वाँग रचाते रहे हमलोग एक अच्छे माहौल के वजह से फोरम पर आते हैँ ताकी देश दुनिया के अलग अलग क्षेत्रो के सदस्यो के साथ स्वस्थ बाते कर सके अगर ऐसे ही विवाद चलता रहा तो जैसे एक एक कर के बहुत गुणी सदस्य निकल गए वैसे एक दिन बाकी बाकी सदस्य भी निकल जाएंगे जरुरी नहीँ हैँ की हम सैनिक के रुप मेँ हीँ देश सेवा कर सकते हैँ देश की सेवा के लिए किसी भुमिका की जरुरत नहीँ हैँ क्योँ की हम अपने देश से प्रेम करते हैँ वैसे अगर फोरम से प्यार करते हैँ तो बगैर पद के भी हम सभी एक दुसरे के मदत से और अच्छा कर सकते हैँ
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मै आपके विचारोँ से पूर्णता सहमत हूँ |
अब जो भी फैसला हो जनमत का हो |
क्योँ कि जनता जर्नादन होती है |