11-08-2014, 09:33 PM
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#26
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Re: भगतसिंह, राजगुरु व सुखदेव :.........
शेरे हिदुस्तान श्री चंद्रशेखर आजाद......
बालक चंद्रशेखर ने माचिस की सारी तीलियां निकालकर अपने हाथ में ले लीं। वे तीलियां उल्टी–सीधी रखी हुई थीं, अर्थात कुछ तीलियों का रोगन चंद्रशेखर की हथेली की तरफ भी था। उसने तीलियों की गड्डी माचिस से रगड़ दी। भक्क करके सारी तीलियां जल उठीं।
जिन तीलियों का रोगन चंद्रशेखर की हथेली की ओर था, वे भी जलकर चंद्रशेखर की हथेली को जलाने लगीं। असह्य जलन होने पर भी चंद्रशेखर ने तीलियों को उस समय तक नहीं छोड़ा, जब तक की उनकी रंगीन रौशनी समाप्त नहीं हो गई।
जब उसने तीलियां फेंक दीं तो साथियों से बोला- "देखो हथेली जल जाने पर भी मैंने तीलियां नहीं छोड़ीं" :.........
दैनिक भास्कर के सौजन्य से :.........
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