Re: निंदक नियरे राखिये
पवित्रा जी और कुकी जी द्वारा विषय पर बहुत सुलझे हुए विचार प्रस्तुत किये गए हैं. मैं यहाँ एक और बात जोड़ना चाहता हूँ. जैसा कि हर चुनावों के बाद होता है. विपक्षी पार्टियों के लोग सत्तारूढ़ पार्टी से यह कहते हैं कि हम सकारात्मक आलोचना (constructive criticism) का दृष्टिकोण रखेंगे ताकि सरकार गलत कदम न उठा पाये. व्यक्ति व्यक्ति के बीच भी यदि यही दृष्टिकोण रहे तो परस्पर सुधार की गुंजाइश बनी रहेगी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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