Re: अंग्रेजी क्यों रोना-धोना मचाती है ?
इस तरह, दसवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हिंदी समेत अन्य सभी भाषाओं के लिए कुल 577.62 (लगभग पौने छह सौ) करोड़ रुपए खर्च किए. यहाँ स्पष्ट कर दें कि ये राशियाँ विभिन्न भाषाओं के विकास, संरक्षण, शिक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए गठित उन सभी संस्थाओं पर खर्च की जाती हैं, जो इस मंत्रालय के अधीन आती हैं. उदाहरणार्थ; केंद्रीय हिंदी निदेशालय, केंद्रीय हिंदी संस्थान, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल, मैसूर), केंद्रीय अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा संस्थान (सीआईईएफएल, हैदराबाद), नैशनल काउंसिल फॉर प्रोमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज, नैशनल काउंसिल फॉर प्रोमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेज, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान आदि. मद-वार विस्तृत ब्योरे के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की सरकारी वेबसाइट देखें.
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है।
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