Quote:
Originally Posted by Deep_
आज सुबह सुबह मेरी काली ज़बान पर / खाली दिमाग में एक बात आ गई...जो संयोग से ईस सुत्र के अनुलक्ष में थी।
प्यार 'एक' वस्तु है। जब कि पैसा-धन कोई एक वस्तु नही है। वह कई चीज, वस्तु, शौक, ज़रुरतें वगेरह प्राप्त करने के लिए उपयोगी है।
वह एक वस्तु (प्यार) पर समय का प्रभाव कहीं-कहीं पर पड़ता है, लेकिन पैसे पर तो ब्याज मिलता रहेता है!
|
दीप जी , प्यार पर भी ब्याज मिलता है.....किसी को प्यार दीजीये और फिर देखिये ताउम्र वो व्यक्ति ब्याज के तौर पर care , trust , love , life सब देता रहेगा ।