Re: गुनगुनाओ, खुल कर गाओ, लेकिन सही गाओ
ये देश है वीर जवानों का / नया दौर
रचनाकार: साहिर लुधियानवी
संगीत : ओ. पी. नय्यर
गायन : मोहम्मद रफी, बलबीर
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारो क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना
यहां चौड़ी छाती वीरों की, यहां भोली शक्लें हीरों की
यहां गाते हैं रांझे मस्ती में, मचती हैं धूमें बस्ती में
पेड़ों में बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की
यहां हंसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियां गालों में
कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के
यहां नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं
दिलबर के लिए दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिए तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है कि पीछे हट जाएं
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Last edited by Dark Saint Alaick; 22-11-2011 at 11:08 PM.
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