राम न रहमान
राम न रहमान
रजनीश मंगा
रोके हैं उसको राम न रहमान
आज तक
है दनदनाता क्यों यहाँ शैतान
आज तक
इंसानियत होती है क्यों जब तब
लहुलुहान
आदमी क्यों है भला परेशान
आज तक.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 15-07-2017 at 08:16 AM.
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