वैसे मुझे अंग्रेजी फिल्मों का ईतना चाव चढ़ा था की चार-पांच साल तक कोम्प्युटर पर वही हैरतअंगेज करनेवाली फिल्मे देखता रहा। मुझे हंमेशा से लगता था की ईन हैरतअंगेज करनेवाली फिल्में सभी देखते है, लेकिन वे अमेरिका मे भी सबकी प्यारी तो नही होगी। बाद में लगा की ज्यादातर लोगो को दरअसल सीदी-सादी फिल्में ही पसंद है जो वहां के कल्चर से प्रभावित हो, फेमिली ड्रामा हो ईत्यादि। वहां एक्शन फिल्में हीट हो कर चली जाती है। उसका प्रभाव भी युवापीढी पर दिखाई देता है। फिर भी ईन सब के बीच ड्रामा फिल्में अपनी छाप छोड ही जाती है।