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Originally Posted by sagar -
अभिजी जारी रखो.... ताकि दोनों पक्ष का सही -२ पता चल सके
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वैसे सागर भाई फोरम हित कहे या हिन्दी प्रेम के लिए अभिषेक जी और जितेन्द्र जी दोनो दोस्त हैँ बगैर विवाद करे एक बार फिर मिलकर आपस मेँ बैठ कर मामले को यही खत्म कर ले तो बेहतर हैँ अगर दोनो ऐसा नहीँ कर सकते हैँ तो मुझे हैरत होगा दोनो इतने साल तक कैसे एक दुसरे के दोस्त रहे या दोस्त होने का स्वाँग रचाते रहे हमलोग एक अच्छे माहौल के वजह से फोरम पर आते हैँ ताकी देश दुनिया के अलग अलग क्षेत्रो के सदस्यो के साथ स्वस्थ बाते कर सके अगर ऐसे ही विवाद चलता रहा तो जैसे एक एक कर के बहुत गुणी सदस्य निकल गए वैसे एक दिन बाकी बाकी सदस्य भी निकल जाएंगे जरुरी नहीँ हैँ की हम सैनिक के रुप मेँ हीँ देश सेवा कर सकते हैँ देश की सेवा के लिए किसी भुमिका की जरुरत नहीँ हैँ क्योँ की हम अपने देश से प्रेम करते हैँ वैसे अगर फोरम से प्यार करते हैँ तो बगैर पद के भी हम सभी एक दुसरे के मदत से और अच्छा कर सकते हैँ