Re: इधर-उधर से
अच्छे, पके और स्वादिष्ट होने के साथ साथ अपेक्षाकृत रूप से कुछ सस्ते होने के कारण हम इस फल का सेवन करते हैं. शुरू शुरू में यह दो सौ से तीन सौ रुपये किलो के भाव से मिलते हैं जो इन दिनों 80 से सौ रुपये किलो हो गए हैं और मीठे भी हैं. कहते हैं कि जामुन खाने से शुगर के मरीजों को बहुत लाभ मिलता है.
आज घर में जामुन की चर्चा के दौरान मुझे याद आया कि जब हम छोटे थे तो गली-मौहल्ले में जामुन बेचने वाले सिर पर छाबड़ी या टोकरी में जामुन रख कर लाते थे (कभी कभी रेहड़ी पर भी लाते थे) और बड़ी मधुर आवाज में ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करते थे. मुझे याद आया कि वो पंजाबी लहजे में ऐसे आवाज लगाते थे-
जामुन काले काले रा
जामुन बड़े रसीले रा
तभी हमारी श्रीमती जी ने भी कुछ याद करते हुये एक लाइन जोड़ दी:
जामुन ठंड देणगे पा
(अर्थात जामुन शरीर को ठंडक देंगे)
इसके अलावा भी जो जो विक्रेता चीजें बेचने आते थे या सेवाओं के निमित्त आते थे, वे सब अलग अलग लय में गाते हुये अपनी चीजों तथा सेवाओं के बारे में लोगो को अवगत कराया करते थे. उनकी खूबियों के बारे में फिर कभी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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