मर गए भैया सर्दी में
मर गए भैया सर्दी में
अच्छी खासी शीत लहर है, मर गए भैया सर्दी में.
बुरा हाल हो गया हमारा.......मौसम की बेदर्दी में.
पसरा कोहरे का आलम है,
ऊंघ रहा पूरा पालम है;
धूप कहीं पर दुबक गई है,
हवा बनी बरछी बल्लम हैं.
सुबह शाम व रात नज़र, आते हैं धुंधली वर्दी में.
अच्छी खासी शीत लहर है, मर गए भैया सर्दी में.
घर के बाहर जायें कैसे,
सौदा सुलफ़ा लायें कैसे;
कट बिजली का लागू है,
हीटर भी सुलगायें कैसे.
हमदर्द मेरे भी ठिठुर रहे हैं, आज मेरी हमदर्दी में.
अच्छी खासी शीत लहर है, मर गए भैया सर्दी में.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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