Re: पता नहीं बेटा
Quote:
Originally Posted by deep_
दुखती रग पर चोट कर दी रजनीश जी!
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Quote:
Originally Posted by dr.shree vijay
इस सुंदर से सूत्र ने बचपन की यादेँ ताजातरीन करदी.........
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आपकी सुंदर टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, दीप जी व डॉ श्री विजय जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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