Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
विराट् वृक्ष की शक्ति छोटे से बीज में छुपी रहती है। यही बीज खेत में पड़कर उपयोगी खाद पानी प्राप्त करके बड़े वृक्ष के रूप में प्रस्फुटित होता है उसी प्रकार मनुष्य के अन्दर भी समस्त सम्भावनाएँ एवं शक्तियाँ बीज रूप में छुपी हुई हैं जिनको विवेक के जल से अभिसिंचित कर तथा श्रेष्ठ विचारों की उर्वरा खाद देकर जागृत किया जा सकता है। यदि व्यक्ति अपने अन्दर की अमूल्य शक्ति एवं सामर्थ्य को जान लेने में सफल हो जाय तो वह सामान्य से असामान्य और असामान्य से महान हो सकता है।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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