Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
श्रेष्ठ मार्ग पर नियोजित व्यक्तियों की शक्तियाँ श्रेयस्कर परिणाम उपस्थित करती हैं, जिसे लोग भाग्य चमत्कार समझते हैं। वास्तव में वे व्यक्ति की दृढ़ निष्ठा एवं आत्मविश्वास का परिणाम ही होती हैं। मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण स्वयं कर सकता है। यदि वह अपनी प्रसुप्त शक्तियों को प्रयत्न पूर्वक जगा सके। जिस दिन मनुष्य इस तथ्य को समझ लेगा, वह अनन्त शक्ति का भण्डार बन जायेगा। सुख एवं सफलता का मूल आधार एक ही है- उसका आत्मविश्वास।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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