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Originally Posted by kamesh
एक डोली और एक अर्थी आपस में टकरा गए
इन्हें देख लोग घबरा गये
ऊपर से आवाज़ आई
ये कैसी बिदाई है
लोगो ने कहा
महबूब की डोली देखने
यार की अर्थी आई है
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भाई कहने सुनाने में तो ये बात भली है बस कोई इसे जीवन में अपने उतार ना ले |
प्रेम अच्छा है किन्तु उसमें जान वां देने की बातें भली नहीं है | एक व्यक्ति के ऊपर मात्र उसका ही नहीं उसके माँ,बाप,भाई, बहन, दोस्तों, अध्यापकों सबका अधिकार होता है और एक व्यक्ति के लिए उन सबको जीवन भर का दुःख और संताप देना किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं इससे अच्छा तो जा के दुसरे को ठोक
देना है हेहेही |