Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
आबू पर्वत पर ४००० फुच की ऊँचाई पर बसे देलवाड़ा गाँव के समीप बने दो जैन मन्दिर संगमरमर के प्रस्तरकला की विलक्षण जालियों, पुतलियों, बेलबूटों और नक्काशियों के कारण सारे वि के महान आश्चर्य बने हुए हैं। प्रख्यात कला-पारखी रायकृष्ण दास इनके सम्बन्ध में अपना विचार प्रकट करते हुए लिखते हैं -
संगमरमर ऐसी बारीकी से तराशा गया है
कि मानो किसी कुशल सुनार ने रेती से
रेत-रेत कर आभूषण बनाये हो। यहां पहुंचने
पर ऐसा मालूम होता है कि स्वप्न के
अद्भूत लोक में आ गये हैं। इनकी सुन्दरता
ताज से भी कहीं अधिक है। (भारतीय मूर्तिकार /
पृष्ठ १३३-१३४)
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आपका दोस्त पंकज
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