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Old 20-10-2011, 10:56 PM   #18
abhisays
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Default Re: From Russia with Love

द्वितीय विश्वयुद्ध

जिसे दुनिया द्वितीय विश्वयुद्ध के नाम से जानती है उसे रूस में महान देशभक्ति युद्ध के नाम से जाना जाता है । रूस इस युद्ध के लिए पहले से तैयार नहीं था । 1939 में जर्मनी के साथ हुए सौहार्द्र समझौते के बाद 1941 में हिटलर द्वारा आक्रमण करने से रूस को झटका सा लगा । जल्द ही जर्मन सेना ने रूस के पश्चिमी प्रदेशों पर कब्जा कर लिया और लेनिनग्राद को घेर लिया गया । इसके बाद शुरु होता है एक अप्रत्याशित प्रतिरोध और संघर्ष का क्रम जिसने इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया । लगभग 900 दिनों तक घिरे रहने, सैन्य और शस्त्रास्तों की कमी के बावजूद रूसी सेना ने जर्मनी की यूरोपजेता सेना के सामने समर्पण नहीं किया । कठिन सर्दी और भूख में भी रूसियों का मनोबल कायम रहा और अंततः कम से कम 6 लाख 70 हज़ार लोगों की मौत के बावजूद रूसी लोग जर्मन सेना का प्रतिरोध करते रहे । इससे रूसी सेना की अजेयता और दृढ़ता को नमूना पेश हुआ ।

इसी बीच जर्मन दिसम्बर 1941 में मॉस्को पहुँच गए । राजधानी को बचाने के लिए युवाओं की भर्ती होने लगी । अपने सेनापतियों के सलाह के खिलाफ स्तालिन ने भारी जर्मन सैन्य जमावड़े के अंदेशे के रहते हुए भी नवंबर 7 को बोल्शेविक क्रांति की 25वीं वर्षगाँठ की परेड मॉस्को में निकलवाई । इसकी घोषणा आखिरी समय तक नहीं की गई थी और सौभाग्यवश उस दिन कोई बमबारी नहीं हुई । इससे रूसी नौजवानों में एक मनोबल का संचार हुआ । सैनिक वहीं से मोर्चे के लिए रवाना हुए ।
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