06-03-2015, 05:17 PM
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
Originally Posted by rajnish manga
उक्त सुंदर कविता के लिए व सूत्र को गति प्रदान करने के लिए आपका धन्यवाद, पुष्पा सोनी जी. अर्ज़ किया है:
मुंह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में........खामोशी पहचाने कौन
(निदा फ़ाज़ली)
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नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया,
इतने हुए जलील, की खुददार हो गए...
(अज्ञात)
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