Re: हास्यास्पद
आपके सच्चे मित्र भी आपकी ही राह पर चलते हैं और आपकी सन्तान के पक्ष में ही बोलते हैं, क्योंकि आपकी इच्छा के विरुद्ध जाने वाले मित्रों को मित्रों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि मित्र का प्रथम कर्तव्य होता है संकट के समय अपने मित्र को बचाना, न कि फँसाना।
Last edited by Rajat Vynar; 23-02-2015 at 02:13 PM.
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