Re: मुहावरों की कहानी
मुहावरा:
संकट की घड़ी
दर खुला तो देखा
आँखों में आंसू चेहरे पे हँसी थी
साँसों में आहें पर दिल में बेबसी थी !!
अरे पहले क्यों नहीं बताया के
दरवाजे में ऊँगली फंसी थी?
सच बड़े संकट की घड़ी थी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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