Re: प्रेरक लघु कथायें
तीन साधु
एक औरत अपने घर से निकली , उसने घर के सामने सफ़ेद लम्बी दाढ़ी में तीन साधू-महात्माओं को बैठे देखा . व
उन्हें पहचान नही पायी .
उसने कहा , ” मैं आप लोगों को नहीं पहचानती , बताइए क्या काम है ?”
” हमें भोजन करना है .”, साधुओं ने बोला .
” ठीक है ! कृपया मेरे घर में पधारिये और भोजन ग्रहण कीजिये .”
” क्या तुम्हारा पति घर में है ?” , एक साधू ने प्रश्न किया .
“नहीं, वह कुछ देर के लिए बाहर गए हैं .” औरत ने उत्तर दिया .
” तब हम अन्दर नहीं आ सकते “, तीनो एक साथ बोले .
थोड़ी देर में पति घर वापस आ गया , उसे साधुओं के बारे में पता चला तो उसने तुरंत अपनी पत्नी से उन्हें पुन: आमंत्रित करने के लिए कहा।औरत ने ऐसा ही किया , वह साधुओं के समक्ष गयी और बोली,” जी, अब मेरे पति वापस आ गए हैं , कृपया आप लोग घर में प्रवेश करिए !”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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