Re: नपुंसकामृतार्णव
मदनप्रकाश चूर्णम
तालमखाने, मूसली, बिदारीकंद, सौंठ, असगंध, कौंच के बीज, सेमल के फूल, खरैटी, शतावर, मोचरस, गोखरू, जायफल, भुनी उड़द की दाल, भांग, वंशलोचन - इन सभी को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसमें चूर्ण के बराबर मिश्री दाल कर अच्छी तरह मिला लें। इस चूर्ण को नित्य दो तोला खाकर ऊपर से दूध पीने वाले का वीर्य सम्पूर्ण दोषों से मुक्त हो जाता है, उसमें शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है तथा प्रमेह नष्ट हो जाता है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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