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आदर्श घोटाला : फाटक, तिवारी को जमानत मिली
मुम्बई। आदर्श सोसायटी घोटाले में गिरफ्तार पूर्व स्थानीय निकाय प्रमुख जयराज फाटक और पूर्व राज्य सूचना आयुक्त रामानंद तिवारी को सीबीआई की विशेष अदालत ने जमानत दे दी, क्योंकि जांच एजेंसी 60 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रही। ये दोनों अधिकारी तीन अप्रैल को गिरफ्तारी के समय से ही हिरासत में थे । उन्होंने सोमवार को जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। फाटक की वकील स्वप्ना कोडे ने तर्क दिया कि वह जमानत के हकदार हैं क्योंकि सीबीआई ने 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दायर नहीं किया है। आरोप पत्र्। दाखिल करने के लिए निर्धारित समयसीमा चार जून को खत्म हो गई। जमानत आवेदन में कहा गया, ‘सभी उक्त अपराधों में 10 साल से कम की सजा का प्रावधान है... इसलिए सीबीआई को इस अदालत के समक्ष उनकी पेशी की तारीख से 60 दिन के भीतर आरोप पत्र दायर करना चाहिए था।’ तिवारी के वकील सदानंद शेट्टी ने कहा कि इसी आधार पर उनका मुवक्किल भी जमानत पाने का हकदार है। इससे पूर्व 29 मई को सत्र न्यायालय ने सात आरोपियों आईएएस अधिकारी प्रदीप व्यास, शहरी विकास विभाग के पूर्व उप सचिव पीवी देशमुख, ब्रिगेडियर (अवकाशप्राप्त) एमएम वंचू, सेवानिवृत रक्षा एस्टेट अधिकारी आरसी ठाकुर, मेजर जनरल (अवकाशप्राप्त) ए.आर. कुमार, मेजर जनरल (अवकाशप्राप्त) टी.के. कौल और पूर्व विधान परिषद सदस्य कन्हैया लाल गिडवानी को जमानत दे दी थी। उन्हें 20 और 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किए जाने की 60 दिन की अवधि पहले ही खत्म हो चुकी है। सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निषेध अधिनियम तथा बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं। यह मामला 31 मंजिला इमारत के निर्माण और अपार्टमेंट आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा है। दक्षिण मुम्बई के कोलाबा स्थित आदर्श सोसायटी नाम की यह इमारत असल में करगिल युद्ध नायकों के परिजनों के लिए थी।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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