कोई भी फिल्म शुरु होती है तो पहला द्रश्य से ही दर्शक बहुत सारी उम्मीद बांध लेते है। ठीक वैसी ही उम्मीद और जिज्ञासा जो हम किसी अच्छे पढते लिखते बच्चे या नई नौकरी पाने वाले नौजवान से लगाते है। मानो पहले प्यार को ढुंढता हुआ आशिक जो कुछ महसुस करता है। कोई नई गाडी खरीदने पर या कोई नई जगह जाने पर नयापन लगता है।
पता नहीं.....जाने आगे क्या हो!