Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
टका सा जबाब सुनने पर वह पुलिसवाला उठा और सटाक सटाक सटाक। मोटी बंेट की लाठी देह पर पड़ने लगी। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगा। तभी बगल से दौड़ कर रीना आई और लाठी को अपने देह पर रोक लिया और फिर दरोगा से भीड़ गयी।
‘‘काहे मार रहलो हो, कोई चोर उचक्का है की। शादी कैलके हें हमरा से, तोरा की दिक्कत हो।’’
फिर उसके परिजन वहां से आए और उसे घसीट कर ले गए।
शाम हो गई और फिर रात भी। मेरी सुध लेने वाला कोई नहीं था पर रीना के बेलने की आवाज बीच बीच मे आ रही थी। शायद वह इसलिए ही जोर से बोल रही थी कि मैं सुन सकू।
मैं चुपचाप बैठा रहा। सोंचता रहा। पर अब सोंच सीमित हो गई थी। अब जीवन की आशा नहीं रही थी और मौत का डर चला गया प्यार में पागल होना इसी को तो कहतें है। एक अजीब सा जुनून सवार हो गया, सब से लड़ कर प्रेम को जीत लेने का। दांव पर लगा दी अपनी जिंदगी। जानता था मेरे घर में किसी को इसबारे में अभी पता नहीं होगा और हो भी तो कौन देखने आएगा? अब मन में एक ही बात चल रही है जीवन चुक जाए और प्यार जीत जाए। जीवन रहे न रहे प्यार रहना चाहिए।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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