Re: ग़ज़ल- अब वक्त ही बचा नहीं...
[[तुमसे मिलन की' आस में' रस्ता भटक गया
आया नहीं था' मैं यहाँ' अपमान के लिए .... ]]
वाह बहुत सुंदर. एक दिलकश ग़ज़ल शेयर करने के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद, आकाश जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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