24-03-2014, 12:35 PM
|
#4
|
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
|
Re: भगतसिंह, राजगुरु व सुखदेव :.........
शहीदे-आज़म भगतसिंह के विचारों को जन-जन तक पहुँचाओ !
1990 में लागू हुई नई आर्थिक नीतियों का ही यह परिणाम है कि देश की 75 प्रतिशत सम्पत्ति मात्र 8,200 लोगों के हाथों में सिमट गई है। पूरे देश में अराजकता का माहौल है। कोई भी कहीं भी सुरक्षित नही है। देश की राजधानी दिल्ली तक में सामूहिक बलात्कार, चोरी, हत्या, अपहरण आदि के समाचारों से अखबार भरे रहते हैं। जनता में जबरदस्त असंतोष और गुस्सा है, और यह गुस्सा या तो छोटे मोटे टकरावों को जन्म दे रहा है या स्वत:स्फूर्त आन्दोलनों को। इस स्थिति को जानने समझने के लिए हमें विचारों की उस रौशनी की जरूरत है जिसकी अलख भगत सिंह ने स्वतन्त्रता संघर्ष के दौरान जगाई थी। भगत सिंह और उनके साथियों के लेखों से हमें देश और समाज को इस परिस्थिति से निकालने का रास्ता मिलता है।
भगतसिंह और उनके साथियों ने जिस भारतीय क्रान्ति का सपना देखा था आज वह एक ऐसे नाजुक पड़ाव पर है कि उसे प्रचण्ड वेग से आगे बढ़ाने के लिए फिर से नौजवानों के एक बड़े फौज की जरूरत है। मजदूरों, किसानों और आम आवाम के घरों से आए हुए सैंकड़ों की तादात में ऐसे नौजवान जो भगतसिंह के विचारों से अनुप्राणित हों, देश के मौजूदा हालत में बुनियादी परिवर्तन लाने की लड़ाई को नए सिरे से शुरू कर सकते हैं। इसके लिये इस लड़ाई के भावी सिपाहियों को इंकलाब की तलवार को विचारों की सान पर नई धार देनी होगी। आज भारतीय क्रान्ति का भगत सिंह का सपना अपने सामने उपस्थित ऐसे सवालों व चुनौतियों से जूझ रही है, जिनको हल करने का कार्यभार नई पीढ़ी के युवा क्रान्तिकारियों के कन्धों पर है :.........
__________________
Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.
|
|
|