Re: मीडिया स्कैन
रेलवे के विकास की उम्मीद जागी
बीमार बांग्लादेश रेलवे में जान डालने की जद्दो-जहद के लिए नए संचार मंत्री ओबैदुला क्वादर को शुक्रिया। दशकों से रेलवे नजरअंदाज होती रही है। जाहिर है, हुकूमत की तरफ से कोताही बरती गई। अब उम्मीद जगी है। रेलगाड़ियों की तादाद बढ़ेगी और वक्त की पाबंदी का ख्याल रखा जाएगा। ये हुकूमत के दावे हैं, जो पैशनगोई ज्यादा लगते हैं, लेकिन अगर इनकी तुलना रेलवे के सामर्थ्य से की जाए। जैसे रेलगाड़ियां बड़ी तादाद में मुसाफिरों और सामानों को ढोती हैं और पड़ोसी मुल्कों में आवाजाही के इस साधन की तरक्की को देखें, तो ये दावे समंदर में कुछ बूंद भर हैं। वैसे उम्मीद जो जगी है, उसे पाने के लिए मंत्री को लंबा सफर तय करना होगा। अगर वाकई रेलवे को हालिया वक्त के बराबर लाना है, तो सबसे पहले इस महकमे व इसके कामकाज में आमूलचूल बदलाव लाने होंगे। मसलन, जरूरत के मुताबिक काबिल लोगों को बहाल करना होगा, रेलवे का जाल और फैलाना होगा, बेहतर रखरखाव व्यवस्था करनी होगी। रेलवे बजट बढ़ाना होगा।
-द डेली स्टार
बांग्लादेश का अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|