View Single Post
Old 31-10-2010, 11:41 PM   #25
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default

Quote:
Originally Posted by jalwa View Post
दादा, प्रणाम.

राम राम बीरबल जी /
दिन दूना रात चौगुना तरक्की करो !!
दीपावली का अवसर है अतः अब रात में भी अपना कारखाना चलाया करो .... तभी तो तरक्की मिलेगी //

" वो हथियार ले के चल पड़े, हमारी मौत के लिए /
मेरा दोस्त मर मिटा, 'जय' अपने दोस्त के लिए //"
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote