18-04-2011, 04:43 PM
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#24
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Re: आधुनिक समाज में बिखरते परिवार
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Originally Posted by bond007
संयम, संतोष, समझदारी, प्यार से बात करना.............,
अब लड़कों में ये बात है कहां.....................!!!
शादी होने के कुछ समय तक तो रोमांस रहता है, फिर सारी समझदारी काफूर हो जाती है| और वो रोमांस भी किस तरह का होता है, ये भी आप जानते हैं, सिर्फ बेडरूम की भावनाएं| प्यार से समझाना बुझाना अपनों को साथ लेकर चलना, ये बात कैसे और कौन समझाएगा?
और जहाँ तक मैं मानता हूं, हम लोग भी (विशेषकर लड़के) इस तरह के विचार सिर्फ किताबों, ब्लॉग्स, फोरम्स तक सीमित रखते हैं| जब सामने आकर पड़ती है तो सब भूल जाते हैं| वही पुराना रवैय्या|
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इसमें दोष उन लड़कों का नहीं है दोष है उनके माँ बापों का जिन्होंने उन्हें ऐसी संस्कार दिए हैं....
ऐसे संस्कार जो ये नहीं समझाते कि बड़ों की इज्जत कैसे की जाती है?
बड़ों की सलाह पर एक बार जरूरू अमल करो?
आपस में सहयोग की भावना रखो?
अब जब बचपन से माँ बाप अपने लड़के को ये सिखाएंगे कि बेटा घर का काम तो लड़कियों को ही करना है....तू रहने दे ये काम तेरी बहन कर लेगी
तो क्या वो शादी के बाद ख़ाक अपनी पत्नी के साथ सहयोग करेगा?
उसे तो आदत है घर में निठ्ठल्ले बैठने की......
ऐसे में कहाँ कोई परिवार सही ढंग से चल पायेगा?
आज जहाँ लड़कियां ऑफिस या अपनी नौकरी पार जाती हैं और घर आके उसे ही सब कुछ करना पड़े...तो भला किस परिवार में झगडा नहीं होगा?
वो भी चाहेगी कि जब दोनों काम करने वाले हैं तो उसका पति भी घर के कामों में उसका साथ दे...
लेकिन पति तो ऐसा मिला हुआ है कि जिसे बचपन से काम ना करने की ट्रेनिंग मिली हुई है
जाहिर है ऐसी स्थिति में बिखराव के परसेंट बड जायेंगे
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