Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
डॉ० स्मिथ, कुक से सहमत होते हुए यह मानते हैं कि पृथ्वीराज रासो में जिन चार राजपूत वंशों की अग्निकुण्ड से उत्पत्ति बतलाई गई है, वे सभी विदेशी थे जिनको अग्नि द्वारा पवित्र कर राजपूत बनाया गया। दक्षिण के राजपूतों की उत्पत्ति तक गौड़, भार, कोल आदि जन - जातियों से मानते हैं। डॉ० आर० भण्डारकर प्रतिहारों की गुर्जरों से उत्पत्ति मानते हुए अन्य अग्निवंशीय राजपूतों को भी विदेशी उत्पत्ति का कहते हैं। नीलकण्ठ शास्री विदेशियों के अग्नि द्वारा पवित्रीकरण के सिद्धान्त में विश्वास करते हैं क्योंकि पृथ्वीराज रासो से पूर्व भी इसका प्रमाण तमिल काव्य 'पुरनानूर' में मिलता है। बागची गुर्जरों को मध्य एशिया की जाति वुसुन अथवा 'गुसुर 'मानते हैं क्योंकि तीसरी शताब्दी के अबोटाबाद - लेख में 'गुशुर 'जाति का उल्लेख
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आपका दोस्त पंकज
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