Re: नेपोलियन का दुश्मन / शरलॅाक होम्स का एक केस
कुछ ही समय बीता होगा कि उन्होंने बगीचे के दरवाजे पर एक आकृति देखी. वे सब सावधान हो गए. वह आकृति एक खिड़की के रास्ते मकान के भीतर घुस गयी. थोड़ी देर बाद एक खिड़की खुली और उससे एक व्यक्ति बाहर आया. सड़क के लैम्प से प्रकाश हो रहा था. शरलॅाक होम्स और उनके साथियों ने देखा कि वह व्यक्ति बगल में कुछ दबाये है. वे सब सावधान हो गए. वह व्यक्ति उन सबसे बे-खबर, लैम्प पोस्ट के पास गया और किसी चीज को तोड़ने लगा. तभी इंस्पेक्टर लेस्ट्रेड और डॉ. वाट्सन ने पीछे से जाकर उसे दबोच लिया. उन्होंने उसका चेहरा देखा तो वे चौंक उठे. वह बेघो था.
उधर शरलॅाक होम्स कुछ और खोज रहे थे. उन्होंने देखा कि बेघो ने नेपोलियन की मूर्ति तोड़ दी थी. वे उसके टुकड़े ध्यान से देखने लगे. तभी मकान में प्रकाश हो गया. मकान मालिक बाहर निकल आया. उसे देखते ही शरलॅाक होम्स ने पूछा, “आप श्रीमान ब्राउन हैं?” मकान मालिक ने कहा, “हाँ, मि. शरलॅाक होम्स! मुझे आपका सन्देश मिल गया था. हम सब चोर की प्रतीक्षा में थे. वह पकड़ लिया गया न!”
“जी हाँ,” शरलॅाक होम्स ने कहा, “पर रहस्य अभी तक नहीं खुला है. उसमे थोड़ा समय लगेगा. दूसरे दिन की बात है, शरलॅाक होम्स के निवास स्थान पर डॉ. वाट्सन और इंस्पेक्टर लेस्ट्रेड बैठे थे. नेपोलियन की मूर्तियाँ तोड़ने वाला बेघो जेल भेज दिया गया था. उस पर हत्या का संदेह भी था. डॉ. वाट्सन और इंस्पेक्टर लेस्ट्रेड समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर बेघो नेपोलियन की मूर्तियाँ ही क्यों तोड़ता था. उन्होंने शरलॅाक होम्स से भी पूछा, पर वे मुस्कुरा कर रह गए.
तभी दवाजे पर घंटी बजी. डॉ. वाट्सन ने द्वार खोला तो एक व्यक्ति ने भीतर आते हुए पूछा, “शरलॅाक होम्स हैं?” उसके हाथ में बड़ा सा एक डिब्बा था. शरलॅाक होम्स ने कहा, “आईये मि. सेंडफोर्ड.” सेंडफोर्ड ने उनसे कहा, मुझे आपका पत्र मिल गया था. मैं आपके लिए नेपोलियन की मूर्ति ले आया हूँ.”
“धन्यवाद,” कहते हुए शरलॅाक होम्स ने दस पौंड का एक नोट निकाला और वह मूर्ति खरीद कर उसकी रसीद भी ले ली. सेंडफोर्ड कुछ समझ नहीं पाया कि इतनी सस्ती मूर्ति के लिए शरलॅाक होम्स उसे इतनी बड़ी रकम क्यों दे रहे हैं पर उसने कुछ कहा नहीं.
उसके जाते ही शरलॅाक होम्स ने नेपोलियन की वह मूर्ति तोड़ दी. डॉ. वाट्सन और इंस्पेक्टर लेस्ट्रेड कुछ समझ नहीं पाए. शरलॅाक होम्स मूर्ति के टुकड़ों को सावधानी से देख देख कर तोड़ने लगे. आखिर वह चीज मिल ही गई, जिसकी उन्हें तलाश थी. वह एक काला मोती था.
डॉ. वाट्सन और इंस्पेक्टर लेस्ट्रेड चकित रह गए. शरलॅाक होम्स ने अब रहस्य खोला. वे बोले, “असल में बेघो को इसी काले मोती की तलाश थी. इसे उसने चुराया था. पर जब पुलिस ने उसका पीछा किया तो वह मूर्ति बनाने वाले कारखाने की ओर भागा. वह वहीँ काम करता था. वहां नेपोलियन की छह मूर्तियाँ सांचे में ढाल कर रखी गयी थीं. बेघो कारीगर तो था ही. उसने तुरन्त मोती एक मूर्ति के सिर में छिपा दिया. तभी पुलिस आ गयी और उसे पकड़ कर ले गयी. साल भर बाद बेघो जेल से छूटा तो उसे मोती की तलाश थी. उसने पता लगाया कि ये मूर्तियाँ किन किन को बेची गयीं. उसे यह पता नहीं था कि उसने किस मूर्ति में मोती छिपाया है.इसी लिए वह बारी बारी से मूर्तियाँ तोड़ रहा था.अब यही आख़िरी मूर्ति बची थी.मेरा अनुमान था कि मोती सेंडफोर्ड की मूर्ति में ही होना चाहिए.इसीलिये मैंने उसे दस पौंड में खरीदा और रसीद भी ले ली.”
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