Re: पता नहीं बेटा
गुजरात विधानसभा के चुनाव
पिता जी!
हाँ, बेटा ?
क्या गुजरात विधानसभा के चुनाव बगैर मुद्दों के लड़े जायेंगे, पिता जी ?
तुम ऐसा क्यों कह रहे हो बेटा ?
पिता जी, सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियाँ रोज नये नये हथकंडे अपना रहे हैं. राजनैतिक एजेंडा लापता है और ऊल-जलूल वाद-प्रतिवाद उछाले जा रहे हैं. लगता है नेता लोग चुनाव जीतने के अभियान में शिष्टता भूल गए हैं.
बेटा, अच्छे खासे मुद्दे हैं- जैसे विकास, गरीबी उन्मूलन, किसानों के मसले, बेरोजगारी, उद्योगों में मंदी, महंगाई आदि.
या राम मन्दिर, मंदिर दर्शन, सोमनाथ मंदिर के आगंतुक रजिस्टर में दर्ज एंट्री, जनेऊधारी हिन्दू, राहुल गाँधी की ताजपोशी, गोधरा के लिए माफ़ी, नीच आदमी आदि आदि?
पता नहीं, बेटा!!
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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