Re: 68 वर्ष स्त्रियों की आजादी के
एक नजर आजाद भारत में सूरज की ओर बढते स्त्रियों के कदमों की ओर और उन महिलाओं पर, जिन्हें अपने मुल्क पर और मुल्क को जिन पर नाज है।
अरुँधती रॉय :
सामाजिक आंदोलन में सक्रिय प्रख्यात लेखिका, जिन्हें अपनी अविस्मरणीय कृति ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार की सारी राशि अरूँधति ने ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को दान कर दी।
Last edited by jai_bhardwaj; 05-05-2013 at 07:16 PM.
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