जिनकी याद में हम दीवाने हो गये, वो हम ही से बेगाने हो गये.
शायद उन्हे तलाश है अब नये प्यार की, क्यूंकी उनकी नज़र में हम पुराने हो गये
बाकी कुछ ना रहा ज़माने में, जवानी गुज़र रही महखाने में.
अब तो करले मेरे प्यार पे यकीन, वरना ज़िंदगी बीत जाएगी आज़माने में.
तुम्हारी हर अदा का क्या जवाब दूं, अपने प्यार को क्या उपहार दूं.
कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मँगवाता, जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दूं.
वक़्त हूमे भुला चुका है, मुक़द्दर भी ना भुला दे.
हम प्यार इसलिए नही करते, की कहीं हूमे फिर से कोई ना रुला दे.
|