Re: ये कैसा प्यार .........
ऐसी घटनाओं में निरंतर बढ़ोत्तरी होती जा रही है. कानून अपने स्थान पर ठीक है लेकिन केवल कानून के भरोसे घटनाओं के ऊपर अंकुश नहीं लगाया जा सकता. और वैसे भी दीवानगी की हद तक पहुँच चुके व्यक्ति को नियंत्रित करना मुश्किल होता है. ऐसे व्यक्ति का कानून से सामना तो घटना या अपराध हो जाने के बाद पड़ता है. जरूरत है व्यक्ति और समाज का माइंड सेट बदलने की. यह कैसे होगा? माता पिता द्वारा, शिक्षा तथा शिक्षकों द्वारा, धार्मिक संस्थाओं द्वारा, धर्मगुरुओं द्वारा- सच्ची कोशिशों के बल पर.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 10-05-2014 at 12:43 PM.
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