Re: Yu hi chalti rahi
Raste mai kai rishto ki bandishe aati rahi,
Pathrili rah pe kai mushkile bhi aati rahi,
सही कहा शिखा जी मानव जीवन कई चाहे अनचाहे घटनाक्रम के मुताबिक बनता चला जाता है फिर भी हिम्मत और साहस के साथ ही आगे बढ़े वो ही सच्चा योध्धा है जीवन में भले चाहे जितनी भी कठिनाइयाँ आये सबको पार कर ले एइसे कुछ भाव से बनी आपकी रचना बेहद तारीफे काबिल है
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