Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
इतना ही नहीं आत्म-विश्वास और ईश्वर विश्वास की सम्मिलित शक्ति से उत्पन्न प्राण ऊर्जा से चिकित्सा उपचार की विधि व्यवस्था से लोगों को भली-भाँति अवगत कराने के लिए उसने कई व्याख्यान भी दिये। अपने गहन अध्ययन, अन्वेषण, और अनुभवों के आधार पर मैरी ने ’साइंस एण्ड हैल्थ’ नामक एक पुस्तक लिखी जिसे दस वर्ष बाद प्रकाशित किया गया। मैरी ने मनोकायिक औषधि और आइंस्टीन द्वारा प्रतिपादित पदार्थ और चेतना के संबंधों का लंबे समय तक अध्ययन किया जो उसके कार्य में सफलता का आधार बन गया। उसकी चिकित्सा प्रणाली का मूलभूत आधार व्यक्त अलौकिक विज्ञान ’इंम्परसनल मैटाफिजीकल साइंस’ था। जिसमें व्यक्तिगत महत्वाकाँक्षाओं को महत्व न देकर सार्वभौमिक नियम व्यवस्था के अनुरूप चिंतन, चरित्र एवं व्यवहार का स्वरूप निर्धारित किया जाता है। उसकी दृष्टि में यदि विश्वव्यापी दैवी चेतना के संदेशोँ को ग्रहण कर लिया जाय और तद्नुरूप सन्मार्ग पर अग्रसर होने का प्रयास भी चल पड़ें तो स्वास्थ संवर्धन के साथ ही समग्र प्रगति का द्वार भी खुल सकता है। आस्था ही वह मूल तत्व है जो परमात्मा सत्ता को सत्पात्र पर अपना प्यार बखेरने के लिए विवश कर देती है। इसे इस घटना के माध्यम से भी समझा जा सकता है।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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